
प्राचीन अरबी इतिहास लेखन
प्राचीन अरबी इतिहास लेखन
Ancient arabic historiography
उत्तर – प्राचीन अरबी इतिहास लेखन के प्रारंभिक दौर में ज्यादातर लेखन राजनीतिक और धार्मिक हुआ या फिर मुस्लिम समुदाय की उत्पत्ति किस प्रकार हुई, इसको लेकर प्रकाश डाला गया | यह भी सही है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद के जीवन और उनके वंश इत्यादि के बारे में भरपूर लिखा गया | आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के प्रति लेखकों की उदासीनता इस समय दिखाई देती है | खलीफा का पद, इस्लामी संस्कृति और मोहम्मद पैगंबर से जुड़ी दंतकथाओं पर भी इस समय लेखन किया गया |
प्रारंभिक मुस्लिम इतिहासकारों ने मुहम्मद पैगंबर के जीवन पर अनेक लेख लिखे, जो 18वीं शताब्दी ईसा पूर्व से प्रारंभ हुआ | इब्न साद ने मोहम्मद पैगंबर के जीवन पर एक महत्वपूर्ण पुस्तक तैयार की | इस पुस्तक में इस्लाम धर्म की उत्पत्ति के विषय में उल्लेख मिलता है | यह पुस्तक कुछ समय बहुत प्रसिद्ध हुई थी | बाद के इतिहासकारों, जिनमें इब्न हिशाम उल्लेखनीय है, ने भी ‘पैगंबर की जीवनी’ नामक किताब लिखी थी |
इब्न हिशाम ने अपनी पुस्तक में इब्न साद द्वारा लिखी गई जीवनी पर का भरपूर प्रयोग किया | मुस्लिम इतिहासकार मुहम्मद अल मदैनी का नाम भी उस समय के महत्वपूर्ण लेखकों में लिया जाता है | उन्होंने लगभग 100 पुस्तकें लिखी, जिसमें खलीफा का इतिहास, बसरा और खुरासान के संबंध में उनका लेख बहुत महत्वपूर्ण है | दुर्भाग्यवश उनके लेखन अब बच नहीं पाए हैं | परंतु उनके कुछ भागों को लेखकों द्वारा संकलित किया गया है, जो आने वाले समय में स्रोत के रूप में प्रयोग में लाए गए |
👉 यह भी पढ़े– परम्परागत चीनी इतिहास लेखन
अल मैदानी से प्रभावित होकर अल वाकिदी ने भी ‘हिस्ट्री ऑफ द बार्स ऑफ प्रोकेट’ नामक पुस्तक की रचना की | यह एक दरबारी इतिहासकार था | इब्न साद, अहमद बिन याहया और अलवलाजुरी ने अनेक महत्वपूर्ण कार्यों को लेखबद्ध किया | अलवलाजुरी ने मुसलमानों के विजय अभियानों के विषय में एक रचना लिखी, जिसका नाम था ‘कान क्वेस्ट ऑफ द कंट्रीज’ है | अल वाकिदी ने इतिहास लेखन कथात्मक शैली में प्रस्तुत किया है | उसकी पुस्तक अल मागजी से पैगंबर द्वारा किए गए प्रचार की जानकारी मिलती है |
इब्न साद ने पैगंबर का इतिहास लिखने में इसका उपयोग किया | इसके अलावा उसने इसके निर्माण में पैगंबर के धर्मपत्रों एवं अनुबंध पत्रों का सहारा लिया | अहमद बिन याहया अल बलाजुरी ने 1861 में फतह अल- बुल्दान की रचना की, जिसमें पैगंबर की जीवनी के अलावा खलीफा के समय की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं, जैसे –भारत की सिंध राज्य पर विजय आदि सभी उनके कार्य में समाहित है |