March 29, 2024
MPS 002 Solved Assignment 2022-23

MPS 002 Solved Assignment 2022-23

MPS 002 Solved Assignment 2022-23

MPS 002 Solved Assignment 2022-23 pdf MPS 002 International Relations : Theory and Problems Solved Assignment 2022-2023 / MPS 02 Solved Assignment IN HINDI 2022-23
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Course Name / Course Tittle – (MPS) Master Of Arts Political Science
Subject Name / Course Tittle – International Relations: Theory and Problems

Subject Code / Course Code – MPS 002
Medium Of Study – Hindi / English
Session – July 2022 – Jan 2023 (2022-2023) 
Last Date of submission – 30 May For July 2022 Session & 15 November For Jan 2023 Session

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MPS 002 Solved Assignment 2022-23 in hindi

प्रश्न 2. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को परिभाषित कीजिए राष्ट्रवाद किस प्रकार से आतंकवाद का मूल बिंदु बना हुआ है |
उत्तर –

आतंकवाद का अर्थ

आतंकवाद एक ऐसा शब्द है, जिसने सम्पूर्ण विश्व पर अपना आधिपत्य स्थापित कर रखा है। वैसे Terrorism लैटिन भाषा के दो शब्दों Terrere एवं deterre से बना है, जिसमें Terrere का अर्थ Tremble यानी भय से काँपना और deterre का अर्थ है भयभीत होना। इस प्रकार आतंकवाद का तात्पर्य है हिंसा द्वारा लोगों को भयभीत करना, ताकि वे डर से काँपना शुरू कर दें ओर राज्य की मशीनरी जो संगठित शक्ति पर टिकी है, उसे निष्प्रभावी बनाकर, अपने लक्ष्यों तथा उद्देश्यों की प्राप्ति कीं जाए।
आतंकवाद की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं, जिनमें से सबसे अधिक उपयुक्त परिभाषा यह है कि जब कोई भी व्यक्ति, समाज, संगठन या राष्ट्र अपनी जीवन पद्धति, अपने विचार, मान्यताओं और मूल्यों को किसी दूसरे पर छल, कपट, शक्ति और हिंसा के बलबूते पर थोपने की चेष्टा करता है, तो उसे आतंकवाद कहा जाता है। आतंकवाद का रूप बौद्धिक, राजनीतिक व सामाजिक किसी भी प्रकार का हो सकंता है।
इस प्रकार आतंकवाद अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपनायी गयी रणनीति है जिसने स्थानिक युद्धों, परोक्ष युद्धों, जातीय हिंसा, अवैध शस्त्र व्यापार एवं हिंसक कार्यबाहियों आदि के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था को एक अराजकतापूर्णव्यवस्थ व्यवस्था में परिवर्तित कर दिया है। आतंकवांद का विश्व स्तर पर प्रस्फुटन विभिन्न रूपों में सामने आया, कहीं तो यह अल्पसंख्यकों पर ज्यादतियों तथा अन्याय के विरोध के रूप में सामने आया, तो कहीं दमन के रूप में एवं विद्यमान सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्था को नष्ट करके नई व्यवस्था की स्थापना के लिए और अब तो कुछ देशों के शासकों ने भी इसे ब्लैकमेलिंग तथा राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए रणनीति के रूप में अपनाना शुरू कर दिया है | वस्तुतः अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का विकास आज सोचनीय वास्तविकता बना हुआ है | यह एक भयानक स्वरूप धारण कर चुका है तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है |
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद
अंतराष्ट्रीय राजनीति में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के प्रसार के लिए अफगानिस्तान संकट नहीं उपर्युक्त वातावरण का निर्माण किया | अफगानिस्तान में सोवियत सैनिक हस्तक्षेप के बाद इस्लामी – जिहादी संगठनों ने इसके विरुद्ध सशस्त्र विरोध प्रारंभ किया | इस कार्यवाही में अनेकों अमेरिका, पाकिस्तान सहित अन्य पश्चिमी एवं मुस्लिम देशों का पूर्ण समर्थन मिला | इन्होंने ना केवल इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की, अपितु शस्त्र आपूर्ति भी की |धीरे-धीरे इन आतंकवादी संगठनों ने अपने सशस्त्र गतिविधियों को दृढ़ और तीव्र किया तथा अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में आतंकवादी कार्यवाहीयों में संलग्न हो गए | फलत: आतंकवाद आज विश्व में अनेक रूपों में पाया जाता है और आतंकवाद को किसी एक परिधि में बांधकर नहीं रखा जा सकता | यह नित्यप्रति नए-नए रूप धारण करता जा रहा है |
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अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के उद्देश्य और विधियां
आतंकवादी समूहों के उद्देश्य
आतंकवादी संगठन अपने समाज तथा अपने राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आतंकवाद के साधनों का प्रयोग करते हैं इसके अंतर्गत साम्राज्यवाद तथा उपनिवेशवाद के विरुद्ध चलाए गए समस्त सशस्त्र संघर्षों को रखा जा सकता है | यथा आयरलैंड में स्वतंत्र आयरलैंड की मांग को लेकर आइरिश रिपब्लिकन आर्मी द्वारा इंग्लैंड के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियां भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नव युवकों की ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियां आदि |
इसके विपरीत इस्लामिक जिहादी समूहों ने विश्व भर में इस्लाम के प्रसार के लिए आतंकवादी कार्यवाहियों का सहारा लिया | इन्होंने धर्मनिरपेक्ष या गैर मुस्लिम देशों में रहने वाले मुसलमानों के अधिकारों को सुरक्षित करना अपना लक्ष्य बताते हैं जो कि केवल बाहरी दिखावा है  वास्तविकता से परे है और आतंकवादी केवल खून के प्यासे हैं | उन्होंने अपने आपको इस्लाम का सैनिक कहना प्रारंभ कर दिया तथा अपनी गतिविधियों के लिए कई क्षेत्रों व देशों, यथा- अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सूडान, मध्य एशिया, केंद्रीय एशिया, पश्चिम एशिया आदि में अपने आतंकवादी स्कूल एवं प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर दिया | जो देश इन इस्लामिक प्रशिक्षण अड्डों के नजदीक है, वहां जिहादियों की गतिविधियों से उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति का उन्हें सामना करना पड़ता है |
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आतंकवादियों की विधियां
आतंकवाद किसी एक परिधि में बंधकर काम नहीं करता, वह नित्यप्रति नयी-नयी विधियों को धारण करता है | विज्ञान व प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ आतंकवादी समूहों ने अपनी  विधियों और अस्त्रों में काफी तेजी से विकास किया है | वे भीड़भाड़ वाले स्थानों, यथा- पूजा स्थल, बाजार, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर बम या गोलियों का अन्धाधुन्ध प्रयोग करते हैं | सुनसान जगहों पर बारूदी सुरंग बिछाते है | इनकी कार्यवाही की विधि में विमान अपहरण, सड़क परिवहन के साधन, यथा – बस, कार, जीप, मोटर साइकिल, आटो रिक्शा तथा साइकिल इत्यादि में बम या उच्च विस्फोटों से लैस आर. डी. एक्स. आदि का प्रयोग किया जाता है | इन्हें पार्किंग स्थल या अन्य ऐसी जगहों पर रख दिया जाता है, जहाँ आतंकवादी कार्यवाही करनी होती है | कभी – कभी तो इन विस्फोटक पदार्थों के क्रमिक विस्फोटों से सैंकड़ों निर्दोषों की जान चली जाती है |
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राष्ट्रवाद और आतंकवाद

राष्ट्रवाद आतंकवाद का किस प्रकार से मूल बिंदु है यह समझने से पहले राष्ट्रवाद को समझना होगा | राष्ट्रवाद एक ऐसी अवधारणा है जिसमें एक राष्ट्र के प्रति निष्ठा होती है | क्योंकि रास्ट्रवाद का मतलब होता है अपने देश के प्रति वफादारी जो देश के हर नागरिक के अंदर यह भावना होनी चाहिए।
इसी राष्ट्रीयवाद की वजह से एक देश के लोगों में एकजुटता का निर्माण होता है जो देश की सबसे बड़ी ताकत होती है | जिस देश के लोगों में एकता और देश प्रेम कमजोर होता है उस देश की राष्ट्रवाद की भावना भी बहुत कमजोर होती है | ऐसी स्थिति में बहाय ताकते आतंकवाद के रूप में उस देश को तोड़ने की कोशिश करती है | एक कमजोर अराष्ट्रवादी देश को देश के अंदर से भी अनेक उपद्रव और विरोध का सामना करना पड़ता है।
आतंकवाद का मुख्य उद्देश्य है किसी देश की एकता और अखंडता को तोड़ना होता है | प्राय आतंकवादी हमलों में राष्ट्रवादी विचारधाराओं को निशाना बनाया जाता है | आतंकवाद केवल शारीरिक चोट नहीं पहुंचा बल्कि यह एक देश के लोगों को मानसिक चोट पहुंचाने का भी प्रयास करता है, मानसिक चोट के द्वारा आतंकवाद चाहता है कि व्यक्ति के अंदर से राष्ट्रवाद की भावना को समाप्त किया जा सके जिसके लिए वह किसी देश के राष्ट्रीय सम्मान और विश्वास पर हमला करता है | विश्व भर से प्राय ऐसे उदाहरण देखे गए है कि आतंकवाद राष्ट्रीय प्रतीकों पर हमले करते हैं | राष्ट्रवादी लोग भी हमेशा से आतंकवाद के
निशाने पर रहते हैं , इसके अनेकों उदाहरण हमें भारत में देखने को मिलते हैं जहां राष्ट्रवादी आम जनता से लेकर नेता इत्यादि हमेशा आतंकवाद का निशाना बने रहते हैं | आतंकवाद के खिलाफ सबसे अच्छा हथियार राष्ट्रवाद ही है |  एक देश जितना अधिक राष्ट्रवाद से प्रेरित होगा एकता और अखंडता के सूत्र से बंधा होगा उस देश को तोड़ना उतना ही मुश्किल होगा।

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